HVAC System में Expansion Tank क्या होता है क्या काम होता है संपूर्ण जानकारी

HVAC System में Expansion Tank क्या होता है क्या काम होता है संपूर्ण जानकारी 
Expansion tank Chilled Water System में अनिवार्य हिस्सा है इसका यही काम है सिस्टम में पानी का Supply करने का काम करता है अगर चिल्लर में पानी की जरूरत है तो यह पानी expansion Tank से ही आता है तो आइए जानते है इसमें क्या होता है ।
जब हम चिल्लर स्टार्ट करते है शुरुआत में जो temperature होता है वह ज्यादा होता है मान लीजिए 20⁰C का पानी है वह Chilled Water सिस्टम में Circulate करते है और जैसे जैसे चिल्लर प्लांट चलता है वैसे वैसे पानी का Temperature कम होता जाएगा और चिल्लर का Outlet Temperature 7⁰ के करीब हो जाता है और inlet Temperature 12⁰ के करीब हो जाता है ।

अब जब पानी का तापमान कम हो जाता है तो Chiller में जो भी पानी घूम रहा है उसका जो आयतन है यानी कि आकर जो है कम हो जाता है जो रूल है किसी प्रदार्थ का तापमान कम होता है तो आयतन भी कम हो जाता है आयतन कम होने के वजह से हमें additional पानी की जरूरत पड़ती है।
 
और जो एडिशनल पानी है वह एक्सपेंशन टैंक में ऑलरेडी जमा होता है अरे एक्सपेंशन टैंक में पानी कहां से आता है यहां पर एक और टैंक होता है जिसे हम मेकअप वॉटर टैंक कहते हैं जिससे हम मेकअप वॉटर टैंक से पानी एक्सपेंशन टैंक में आता है पानी ठंडा होने की वजह से आयतन घटता है और आयतन घटने के बाद में जो भी पानी की जरूरत है उसे एक्सपेंशन टैंक के पानी के द्वारा पूरा किया जाता है इस तरीके से पानी घूमते रहता है। 

अब जो एडिशनल पानी लिया क्योंकि टेंपरेचर कम हो चुका था और उसको सर्कुलेट किया और जब हम शाम को चिलर प्लांट बंद कर देते हैं जैसे कोई ऑफिस है ऑफिस बंद किया तो प्लांट भी बंद कर दिया जाता है तो पानी का टेंपरेचर ऑटोमेटिक बढ़ेगा क्योंकि प्लांट बंद होने के बाद रेफ्रिजरेशन साइकिल बंद हो जाता है इसीलिए क्या होगा पानी का टेंपरेचर बढ़ेगा मान लीजिए पानी का टेंपरेचर बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस हो गया पहले पानी का टेंपरेचर 7 डिग्री सेल्सियस था तो उसका आयतन काम हुआ था यानी घट गया था आप पानी का टेंपरेचर बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस हो गया तो पानी का आयतन भी बढ़ेगा पानी का आयतन बढ़ाने के बाद में आप पानी का आयतन बढ़ गया तो उसको रोकने के लिए कोई तो जगह चाहिए ना और जो पानी एक्सपेंशन टैंक से आया था वह वापस एक्सटेंशन टैंक में चला जाएगा।

क्योंकि चिल्लर के पानी का आयतन अगर बढ़ता है और पानी को ठहरने के लिए कहीं जगह नहीं देते हैं तो वह चिल्लर के ऊपर स्ट्रेस पैदा करेगा जो मैटेलिक पार्ट्स है और जो भी जॉइंट है उसके ऊपर स्ट्रेस पैदा करेगा ।

दूसरा एक्सटेंशन टैंक वॉटर सप्लाई करने का काम करता है यानी कि जब भी चिल्लर को पानी की जरूरत होती है तो इस एक्सटेंशन टैंक के द्वारा पानी की जरूरत को पूरा किया जाता है क्योंकि कभी-कभी पानी लीकेज हो जाती है पंप के gland होता है उससे भी पानी लीकेज हो जाता है तो एडिशनल पानी की जो जरूरत होती है उसको पूरा करने के लिए भी एक्सटेंशन टैंक मदद करता है।

एक्सपेंशन टैंक दो टाइप के होते हैं 1.Close Expansion Tank 2.Open Expansion Tank 

ओपन एक्सपेंशन टैंगो हाईएस्ट पॉइंट पर लगाना जरूरी होता है कुछ क्लोज टाइप के एक्सपेंशन टैंक होता है जो पूरी तरीके से बंद होता है इसको रिटर्न लाइन में जोड़ा जाता है पंप के ।
आज के समय में क्लोज एक्सटेंशन टैंक का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं क्योंकि क्लोज जंक्शन टाइम के साथ में प्रेशर रजिस्ट्रेशन सिस्टम होती है इसमें पस लगे होते हैं इसके द्वारा पानी को सिस्टम में भर दिया जाता है इसीलिए क्लोज एक्सप्रेशन टैंक को ऊपरी सतह पर लगाने की जरूरत नहीं होती कहीं भी इंस्टॉल कर सकते हैं यह ज्यादातर प्लांट रूम में इंस्टॉल किया जाता है यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइएगा आप हमारे यूट्यूब चैनल पर फुल वीडियो देख सकते हैं धन्यवाद ।



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