मोटर चेक करने का तरीका (Step by Step)
1. इंसुलेशन टेस्ट (Megger से चेक करना)
उद्देश्यः यह चेक करने के लिए कि मोटर की वाइंडिंग अर्थ (body) से लीक तो नहीं हो रही है।
मोटर के किसी भी वायर और बॉडी के बीच megger (500V या 1000V) लगाएं।
अगर रीडिंग 1 मेगओहम से ऊपर आए तो मोटर सही है।
अगर रीडिंग 0.5 मेगओहम से कम है तो वाइंडिंग में लीकेज या नमी हो सकती है।
2. कंटिन्युटी टेस्ट (Multimeter से)
उद्देश्य: वाइंडिंग के अंदर टूट-फूट या शॉर्टिंग चेक करने के लिए।
मल्टीमीटर को "बिप" मोड में रखें।
तीनों फेज (U, V, W) को आपस में चेक करें:
U-V, V-W, W-U का रेसिस्टेंस बराबर होना चाहिए।
किसी भी फेज और बॉडी के बीच कंटिन्युटी नहीं होनी चाहिए।
3. शाफ्ट मूवमेंट टेस्ट (मैकेनिकल चेक)
हाथ से मोटर का शाफ्ट घुमाएं।
अगर आसानी से घूमता है और आवाज नहीं आ रही है तो सब सही है।
अगर शाफ्ट अटक रहा है या आवाज कर रहा है तो बियरिंग जाम हो सकता है।
4. सप्लाई वोल्टेज चेक करना
मोटर को जो वोल्टेज मिल रहा है, उसे वोल्टमीटर से चेक करें।
वोल्टेज मोटर के नेमप्लेट के अनुसार होना चाहिएः
सिंगल फेज: 220V
थ्री फेज: 415V
5. रनिंग करंट टेस्ट (Clamp Meter से)
मोटर चालू करके क्लैम्प मीटर से फेज करंट चेक करें।
जो करंट मोटर ले रही है, वह उसकी नेमप्लेट करंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
ज्यादा करंट का मतलबः लोड ज्यादा है या वाइंडिंग में फॉल्ट है।
6. वाइब्रेशन और आवाज चेक करना
मोटर चालू करके देखें किः
ज्यादा वाइब्रेशन हो रहा है?
तेज या अजीब आवाज आ रही है?
इसका मतलब हो सकता है किः
बियरिंग खराब है
रोटर अनबैलेंस है
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